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दिव्यांग गर्भवती महिला को मिला न्याय तीनो हत्यारो को सश्रम आजीवन कारावास उमरेड निवासी का गोंदिया जिले के धासगढ़ मे हुआ था कत्ल

बुलंद गोंदिया। गोंदिया जिले के दुर्गम आदिवासी क्षेत्र चिचगढ़ पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले धासगढ़ परिसर में उमरेड तहसील निवासी 30 वर्षीय महिला का आरोपियों द्वारा कत्ल किया गया था। उपरोक्त मामले में तीन आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुएशनिवार 29 जून को प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश ए टी वानखेड़े द्वारा सश्रम कारावास वह दस-दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया जिले के आदिवासी दुर्गम क्षेत्र चिचगढ़ पुलिस थाना अंतर्गत 23 जुलाई 2021 को 8:00 के दौरान एक मामला सामने आया था। जिसमें एक दिव्यांग गर्भवती अज्ञात महिला का शव पाया गया जिसकी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर घासगढ़ की ओर जाने वाले डामर मार्ग से 25 फुट की दूरी पर ले जाकर फेंका गया था।
उपरोक्त मामले में चिचगढ़ पुलिस थाने में अपराध क्रमांक 70/ 2021 भादवि की धारा 302, 201,34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मृतक की पहचान करना गंभीर चुनौती
बारिश के दौरान 30 वर्षीय महिला की गला काटकर हत्या कर शव को फेंका गया था इस मामले में घटनास्थल पर अधिक सबूत नहीं मिलने से मृतक की पहचान करना काफी मुश्किल था लेकिन गोंदिया पुलिस द्वारा इस मामले में सर्वप्रथम पहचान के लिए विशेष पथक बनाकर तलाश शुरू की।
जिसमें मृतक की पहचान उमरेड तहसील जिला नागपुर ग्राम दुधा निवासी चकू उर्फ शीतल राऊत के रूप में की गई।

इसके पश्चात पुलिस द्वारा हत्या के आरोपियों की तलाश शुरू की जिसमें सामने आया कि मृतक का आरोपी क्रमांक एक मोहम्मद समीर अस्लाम शेख उम्र 26 वर्ष वार्ड क्रमांक 4 बाजार वार्ड लाखनी जिला भंडारा के साथ प्रेम संबंध था तथा वह दोनों साथ में रहते थे इसी दौरान दिव्यांग युवति गर्भवती हो गई थी तथा वह आरोपी पर बार-बार शादी के लिए दबाव बना रही थी किंतु आरोपी द्वारा शादी न कर उसे रास्ते से हटाने के मंसूबे बनाते हुए आरोपी क्रमांक 2 आशिफ शेरखाँ पठाण उम्र 38 वर्ष निवासी बाबा मस्तानी जिला भंडारा को महिला को रास्ते से हटाने की सुपारी दी।

इसके पश्चात आरोपी क्रमांक तीन प्रफुल्ल पांडुरंग शिवणकर उम्र 25 वर्ष नि. दूधा पोस्ट डबा तहसील उमरेड जिला नागपुर के साथ मिलकर तीनों आरोपियों द्वारा उसे गोंदिया जिले के धासगढ़ के जंगल परिसर में लाकर धारदार हथियार से गला काटकर जघन्य हत्या कर दी थी।
पुलिस ने आरोपियों को भंडारा बूटीबुरी से हिरासत में लिया तथा उनके खिलाफ सबूत को जमा कर कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया।
2021 को शुरू हुए ट्रायल के पश्चात 3 वर्षों तक चले केस में 20 गवाह तकनीकी सबूत के आधार पर आरोपियों को दोषी करार देते हुए प्रमुख जिला सत्र न्यायाधीश एटी वानखेड़े द्वारा 29 जून को सुनाए गए अपने फैसले में तीनों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा वह 10-10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।
उपरोक्त मामले पीड़ित व सरकार की ओर से सहायक संचालक व सरकारी अभियोक्ता एडवोकेट सतीश घोड़े ने पैरवी की जिनका सहयोग एडवोकेट प्रनिता कुलकर्णी द्वारा किया गया साथ हि पुलिस विभाग की ओर से कोर्ट पैरवी में महिला पुलिस नायक रिम्पी हुकरे चिचगढ़ द्वारा सहयोग किया गया।

कांट्रेक्ट किलिंग
शीतल राऊत की हत्या एक कांट्रेक्ट किलिंग थी जिसमें आरोपी क्रमांक 2 आसिफ शेरखा पठान यह कांटेक्ट किलर के रूप में काम करता था तथा यह उसने तीसरी हत्या की घटना को अंजाम दिया था ।

लास्ट कॉल थ्योरी से आरोपियों को सजा दिलाने में मिली सहायता

उमरेड निवासी गर्भवती महिला आठ माह की गर्भवती थी जिसकी गोंदिया जिले के घासगढ़ के जंगलों में गला काटकर हत्या कर दी गई थी तथा यह हत्या बारिश के दिनों में होने के चलते घटना स्थल पर सबूत भी नहीं मिल पाए थे। कुछ स्वरूप सबूत थे वह बारिश में धूल गए थे जिससे पुलिस को काफी मशक्कत कर आरोपियों के खिलाफ सबूत जमा करना पड़ा था।
साथ ही इस मामले में पैरवी करने वाले सहायक संचालक व अधियोक्ता एडवोकेट सतीश घोड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रायल के दौरान उन्होंने एक नया प्रयोग किया था जिसमे लास्टकाल थ्योरी को लेते हुए मृतक की अंतिम समय पर कहां और किस बात हुई थी इसे एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में सामने लाया गया जिसमें इस मामले का खुलासा हो पाया तथा यह गोंदिया जिले के लिए लास्ट काल थ्योरी एक पहल प्रयोग था जो काफी सफल रहा व आरोपियों को सजा मिल पाई।

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