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गोंदिया शहर में लावारिस कुत्तों का आतंक एक ही दिन में 20 नागरिकों को बनाया शिकार 16 नागरिक गंभीर रूप से जख्मी

बुलंद गोंदिया। गोंदिया शहर में लावारिस कुत्तों का आतंक काफी बढ़ चुका है जिसमें प्रतिदिन शहर के नागरिकों को लावारिस कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं। गुरुवार 21 मार्च की सुबह एक ही दिन में शहर के विभिन्न स्थानों पर लावारिस कुत्ते वह एक पागल कुत्ते द्वारा 20 नागरिकों को अपना शिकार बनाया जिसमें 16 नागरिक गंभीर रूप से जख्मी हुए जिन्हें रेबीज वैक्सीन के साथ-साथ एआरएस सीरम का डोज भी देना पड़ा।

गौरतलब हैकि गोंदिया शहर में गत कुछ समय से लावारिस कुत्तों की संख्या में काफी इजाफा हो चुका है, लेकिन नगर परिषद प्रशासन की लापरवाही के चलते लावारिस कुत्तों का उचित प्रबंध नहीं किए जाने से इसका खमीयाजा शहर के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। प्रतिदिन बड़े पैमाने पर लावारिस कुत्ते झुंड में अथवा अकेले शहर के नागरिकों विशेष कर बुजुर्ग वह छोटे बच्चों पर आक्रामक रूप से हमला कर गंभीर रूप से इन्हें जख्मी कर देते हैं लेकिन इस गंभीर मामले की ओर अब तक नगर परिषद प्रशासन की उदासीनता ही दिखाई दे रही है।

इसी प्रकार की एक घटना गुरुवार 21 मार्च की सुबह सामने आई जब शासकीय जिला चिकित्सालय में बड़े पैमाने पर कुत्तों के शिकार मरीज अपना उपचार करने पहुंचे जिसमें शहर के अलग-अलग क्षेत्र गणेश नगर, गोविंदपुर, सिंधी कॉलोनी, रामनगर क्षेत्र का समावेश है जिसमें कुल 20 नागरिकों को लावारिस कुत्तों वह एक पागल कुत्ते द्वारा अपना शिकार बनाकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।
जिसमें 16 नागरिकों को गंभीर जख्म आए हैं जिन्हें रेबीज की वैक्सीन के साथ-साथ एआरएस सिरम का डोज व टीटी की वैक्सीन लगाने के साथ ही उनके गंभीर जख्मों कि मरहम पट्टी करना पड़ा जिसमें 11 महिला वह 9 पुरुषों का समावेश है। तथा इसमें अधिकांश 50 वर्ष से अधिक के नागरिक कुत्तों के हमले के शिकार हुए हैं।

       पागल कुत्ता पकड़ में नहीं आया 

गणेश नगर परिसर में एक पागल कुत्ते द्वारा अनेक नागरिकों को काटकर जख्मी कर शहर के अन्य क्षेत्रों में फरार हो गया इसकी जानकारी गोंदिया नगर परिषद के मुख्य अधिकारी को दिए जाने पर स्वास्थ्य विभाग के दल को पागल कुत्ते को पकड़ने भेजा गया किंतु समाचार लिखे जाने तक पागल कुत्ता नगर परिषद के स्वास्थ्य विभाग के दल की गिरफ्त में नहीं आया था। जिससे आसपास के क्षेत्र के नागरिकों में दहशत का वातावरण अब भी बना हुआ है।

नसबंदी शल्यक्रिया कब

प्राणी संरक्षण नियमों के अनुसार लावारिस कुत्तों को मारने पर प्रतिबंध लगाया गया है जिनकी जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए नसबंदी शल्यक्रिया की जाती है जिसके लिए नगर परिषद द्वारा कुछ महा पूर्व भी टेंडर निकाला गया था लेकिन अब तक उसे पर अमल नहीं हुआ जिससे नगर परिषद प्रशासन की इस कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह निर्माण होने के साथ-साथ शहर वासियों को इस गंभीर समस्या से कब निजात मिलेगी इस पर भी प्रश्न चिन्ह निर्माण हो रहा है।

वर्ष 2018 में नसबंदी संबंधित एजेंसी का पूरा भुगतान नहीं
गोंदिया शहर के लावारिस कुत्तों की जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए वर्ष 2018 में कुत्तों की नसबंदी शल्य क्रिया एक एजेंसी के माध्यम से करवाई गई थी लेकिन उसका भी समय पर भुगतान नहीं किए जाने से गोंदिया नगर परिषद के अंतर्गत कोई भी एजेंसी कार्य करने के लिए तैयार नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब भी वर्ष 2018 में जिस एजेंसी ने नसबंदी शल्यक्रिया का कार्य किया था उसका भुगतान कुछ बकाया है जिसके कारण वर्तमान समय में लावारिस कुत्तों की नसबंदी नगर परिषद प्रशासन द्वारा करवा पाएगा कि नहीं यह एक विचारणीय प्रश्न बना हुआ है।

नप प्रशासन की लापरवाही

गोंदिया शहर में लावारिस कुत्तों के साथ-साथ मार्गो पर विचरण करने वाले गाय, भैंस व सुवरों के संदर्भ में अनेकों बार शिकायत की जा चुकी है इसके पूर्व के प्रशासक द्वारा जानकारी दी गई थी कि कुत्तों की नसबंदी का टेंडर किया गया है लेकिन अब तक यह कार्य शुरू नहीं हुआ तथा आए दिन शहर के विभिन्न स्थानों पर लावारिस कुत्ते नागरिकों को काटकर जख्मी कर रहे हैं जिससे नगर परिषद प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। इस और जल्द से जल्द प्रशासन द्वारा कदम उठाकर लावारिस कुत्तों को पकड़ने व उनकी नसबंदी शल्य क्रिया करने का कार्य शुरू करें अन्यथा नागरिकों द्वारा भविष्य में इस गंभीर समस्या को लेकर आंदोलन किया जाएगा।

  • रिंकू असवानी सामाजिक कार्यकर्ता गोंदिया।

रात में लावारिस कुत्तों का भारी आतंक
गोंदिया शहर के सभी क्षेत्रों में के मार्गों पर रात के समय बड़ी संख्या में लावारिस कुत्तों का आतंक दिखाई देता है शहर में चलने पर ऐसा लगता है कि जैसे संरक्षित जंगलों के मार्ग से नागरिक निकल रहे हैं यदि कोई अकेला वाहन चालक या पैदल नागरिक रात में निकलता है तो झुंड में जमा होकर लावारिस कुत्ते उस पर हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर देते हैं तथा वाहनों के पीछे झुंड में दौड़ने पर वाहन चालक गिरकर जख्मी भी हो रहे ।

सात माह में 1633 लोग जख्मी

गोंदिया शहर में अगस्त 2023 से फरवरी 2024 तक 7 माह में 1633 नागरिक कुत्तों के काटने से जख्मी हुए हैं तथा प्राप्त जानकारी के अनुसार फरवरी माह में दो बच्चे वह मार्च माह के प्रथम सप्ताह में एक बच्चे की रैबीज से मौत हो चुकी है।

रैबिट संसर्गजन्य बीमारी

कुत्ते के काटने से होने वाला रेबीज एक संसर्गजन्य बीमारी है हालांकि रेबीज का वैक्सीन नागरिकों को लगाया जाता है लेकिन कुछ मामलों में वैक्सीन काम नहीं करता तथा मरीज को रैबिज हो जाता है रेबीज होने की स्थिति में यह संसर्गजन्य हो जाता है जिससे मरीज के संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी रेबीज होने की का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। तथा सभी संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को रेबीज का इंजेक्शन भी लगाना पड़ता है विशेष कर मरीज की खांसी, लार, थूक, रक्त आदि के संपर्क में आने से यह खतरा काफी बढ़ जाता है‌।

लावारिस कुत्तों को पकड़ने नसबंदी शल्यक्रिया जल्द ही

नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत लावारिस कुत्तों को पकड़ने व नसबंदी शल्यक्रिया का टेंडर गत कुछ महीनो पूर्व किया गया था इसकी जानकारी मुझे प्राप्त हुई है तथा इस गंभीर विषय को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द लावारिस कुत्तों को पड़कर नसबंदी शल्यक्रिया करने का कार्य किया जाए तथा शहर में पागल हो चुके कुत्तों को पकड़ने का भी निर्देश दिया गया है।

  • सुनील बल्लाल प्रशासक व मुख्याधिकारी नगर परिषद गोंदिया।

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